E Commerce Meaning in Hindi | E Commerce Kya Hai- इसके बारे में पूरी जानकारी

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E Commerce के बारे में आज के दौर में सभी ने सुना है, E Commerce Meaning in Hindi की किस तरह से आज ऑनलाइन ही अपने प्रॉडक्ट को बेचने का काम कर रही है, और लोग आज घर बैठें ही समान मंगवा रहे है, जब युग आधुनिक नही हुआ था तब लोग बाजार जाकर अपना सामान खरीदते थे और घर लाते थे ऐसे में आज युग बिलकुल बदल चुका है, और जमाना भी डिजिटल हो चुका है, आज घर बैठें ही काम हर किसी व्यक्ती का हो जाता है।

आज हर कोई व्यक्ती इन्टरनेट चला रहा है, ऐसे में ऐसी भी कही कंपनिया है, जो इन्टरनेट की मदद से अपना सामान बेच रही है, और लोग उसे खरीद रहे है, ऐसी कही कंपनिया है जो E Commerce बिजनेस का काम कर रही है।

आज का दौर डिजिटल होने के साथ साथ लोग सामान ऑनलाइन खरीदना जायदा पसंद कर रहे है। और लोग काफी खरीद भी रहे है, ऐसे में आपने भी कभी कुछ ऑनलाइन सामान मंगवाया होगा। क्युकी आज सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला है, E Commerce कंपनिया जैसे भारत में Amazon, Flipkart, Meesho जैसी कही कंपनिया है। जो अपना सामान ऑनलाइन बेचती है।

आज हम इसी के बारे में विस्तार से समझने वाले है, की किस प्रकार से E Commerce बिजनेस होता है। E Commerce kya hai इसके क्या फायदे नुकसान है। E Commerce बिजनेस कैसे शूरू कर सकते है, तोह चलिए जानते है।

E Commerce Kya Hai- इसके बारे में पूरी जानकारी
E Commerce Kya Hai- इसके बारे में पूरी जानकारी

ई-कॉमर्स क्या है? (E Commerce Kya hai)

ई-कॉमर्स एक इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स है, जिसे ऑनलाइन वेबसाइट, ऐप के जरिए अपने प्रॉडक्ट बेचने का काम किया जाता है, इसे इंटरनेट कॉमर्स भी कहा जाता है। यह ऑनलाइन बिक्री और खरीदी को Refers करता हैं, इसमें आप लेन- देन ऑनलाइन माध्यम से भी कर सकते है।

ई-कॉमर्स एक ऑनलाइन सुविधा प्रदान करने की एक सेवा है, जो की कोई भी बिजनेस मेन अपने प्रॉडक्ट को ऑनलाइन बेच सकता है, और इसी के साथ यह अपने ई-कॉमर्स कस्टमर को सुविधा प्रदान करने सबसे बड़ा बिजनेस प्लेटफार्म भी बन चुका है।

ई-कॉमर्स की शुरआत कब हुई?

ई-कॉमर्स की शुरुआत अमेरिका में 1960 के दशक में हुई थी, जब EDI (Electronic Data Interchange) नामक तकनीक का उपयोग करके कम्प्यूटर नेटवर्क के माध्यम से कंपनियों के बीच सामानों की खरीददारी तथा बिक्री होने लगी। फिर इंटरनेट के आगमन के साथ-साथ ई-कॉमर्स इंडस्ट्रीज बड़ा हुआ और वर्तमान में यह एक बहुत बड़ा बिजनेस है। आजकल लगभग सभी इंडस्ट्रीज में ई-कॉमर्स का इस्तेमाल होता है, जिससे लोग आसानी से ऑनलाइन खरीदारी और बेच सकते हैं।

ई-कॉमर्स के प्रकार

ई-कॉमर्स के ऐसे तोह कही प्रकार है लेकिन आज हम उन के बारे में जानने वाले है जैसे-

बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B)

इसमें एक बिजनेस दूसरे बिजनेस से सीधे संबंध बनाता है। यह एक ऑनलाइन बिक्री इंडस्ट्रीज है, जिसमें एक व्यवसाय अन्य व्यवसायों के लिए प्रोडक्ट और सर्विस बेचता है। जैसे Alibaba, Cisco जैसी कही कंपनिया है, जिसमें मैन्युफैक्चर, रीटेलर, व्होलसेलर्स होते है।

बिजनेस-टू-कंस्यूमर (B2C)

इसमें व्यवसाय अपनी वेबसाइट के माध्यम से प्रोडक्ट और सर्विस को अपने कस्टमर को बेचता है। यह एक ऑनलाइन खरीदारी प्लेटफोर्म है, जिसमें व्यवसाय अपने प्रोडक्ट की बिक्री बढ़ाने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करता है। जैसे इसमें Amazon, eBay, और Flipkart हैं।

कंस्यूमर-टू-कंस्यूमर (C2C)

इसमें एक यूजर दूसरे यूजर के साथ सीधे संबंध बनाता है, और प्रोडक्ट को बेचता है। इसमें एक ऑनलाइन बिक्री प्लेटफोर्म है, और इसमें कंपनी का कोई भी रोल नही होता है, इसमें व्यक्ती डायरेक्ट दूसरे व्यक्ति से बातचीत के जरिए प्रॉडक्ट को बेचने का काम करता है। जिसमें उपयोगकर्ता अपने प्रोडक्ट को इंटरनेट के माध्यम से भी बेचते हैं। जैसे eBay और Etsy हैं।

कंस्यूमर-टू-बिजनेस (C2B)

इस तरह के ई कॉमर्स में कंस्यूमर अपने कोई भी प्रॉडक्ट या सर्विस को बेचता है, जिसमे वह एक फ्री लांसर के रूप में काम करता है। ऐसी ही फ्री लांसर सर्विस देने वाली साइट Upwork, Fiverr, FreeLancer इत्यादि हैं।

ई-कॉमर्स की विशेषताएं

  1. ऑनलाइन प्लेटफोर्म:  आप ने कही बार ई-कॉमर्स साइट पर जाकर सामान ख़रीदा होगा, यह एक काफी लोकप्रिय हो गया है, कियुकी लोग डायरेक्ट साइट पर जाकर, एप के माध्यम से सामान खरीद सकते है
  2. उपयोगी: ई-कॉमर्स वेबसाइटों का उपयोग किसी भी जगह से और किसी भी वक्त किया जा सकता है। यानी कि ऑनलाइन शॉपिंग आपको किसी भी वक्त और किसी भी जगह से करने की सुविधा देता है।
  3. हर रेंज में प्रोडक्ट: ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर आपको उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला मिलती है और आप आसानी से तुलना कर सकते हैं।
  4. सुविधा: ई-कॉमर्स की एक बहुत बड़ी विशेषताए यह है, कि आपको किसी भी मॉल में स्टोर पर जाने की जरूरत नहीं होती है। आप अपने घर से ही किसी प्रोडक्ट को ऑर्डर कर सकते हैं, और वो आपके घर तक पहुंचाएगा।
  5. आसान भुगतान: ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर आपको बहुत से पेमेंट ऑप्शन मिलते हैं जैसे कि क्रेडिट/डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, यूपीआई, वॉलेट आदि।
  6. निजीकरण: ई-कॉमर्स वेबसाइट आपके पिछले खरीदारी इतिहास और Preferences के आधार पर आपको व्यक्तिगत सुझाव और सिफारिशें बताती हैं।
  7. समीक्षाएं और रेटिंग: ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पार यूजर्स अपना शॉपिंग एक्सपीरियंस शेयर करते हैं और प्रोडक्ट्स के रिव्यू और रेटिंग्स आपके दूसरे कस्टमर्स के लिए मददगार हो सकते हैं।
  8. आसान रिटर्न और एक्सचेंज पॉलिसी: ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर आपको आसान रिटर्न और एक्सचेंज पॉलिसी मिलती है जिसे आप अपने ऑर्डर को बिना किसी समस्या के रिटर्न और एक्सचेंज कर सकते हैं।सभी विशेषताए के साथ ई-कॉमर्स ने शॉपिंग का समय बदला दिया है, और आज कल ऑनलाइन शॉपिंग बहुत ही पॉपुलर हो चूका है।

ई-कॉमर्स बिजनेस क्या है?

ई-कॉमर्स बिजनेस एक ऐसा बिजनेस है जिसमे प्रोडक्ट्स और सर्विसेज की ऑनलाइन खरीदारी और बिक्री होती है। यानी की, बिजनेस मी ट्रेडिशनल ब्रिक-एंड-मोर्टार (Physical) स्टोर की जगह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे की ई-कॉमर्स वेबसाइट, मोबाइल एप्लिकेशन या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म।

इस बिजनेस में कस्टमर प्रोडक्ट को ऑनलाइन ऑर्डर करके पेमेंट करते हैं और उन्हें अपने घर पर रिसीव करते हैं। सेलर्स, प्रोडक्ट्स को वेयरहाउस में स्टोर करते हैं और ऑर्डर के आधार प्रोडक्ट्स को पैक करके कूरियर कंपनी के थ्रू डिलीवर करते हैं।

ई-कॉमर्स बिजनेस में प्रोडक्ट की वैरायटी और उपलब्धता काफी ज्यादा होती है। आज कल, लगभग सभी तरह के प्रोडक्ट ऑनलाइन उपलब्ध हैं, जैसे कि कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स, किराने का सामान, किताबें, यात्रा, स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं आदि।

ई-कॉमर्स बिजनेस को चलाने के लिए, सेलर को वेबसाइट डेवलप करना, प्रोडक्ट की लिस्टिंग करना, ऑनलाइन पेमेंट गेटवे को इंटीग्रेट करना और शिपिंग लॉजिस्टिक्स को मैनेज करना होता है। ई-कॉमर्स बिजनेस एक प्रॉफिटेबल बिजनेस मॉडल है, जिसमें लो ओवरहेड कॉस्ट और ग्लोबल रीच की सुविधा है।

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ई-कॉमर्स बिजनेस कैसे करें?

ई-कॉमर्स बिजनेस शुरू करने के लिए आप हमारे द्वारा बताए गए बातो को ध्यान में रखकर शुरू कर सकते है।

ई-कॉमर्स बिजनेस के लिए मार्किट रिसर्च करे

पहले आपको अपने आला के ऊपर रिसर्च करना होगा। आपको अपने प्रतिस्पर्धी, मार्केट ट्रेंड और कंज्यूमर बिहेवियर के बारे में पता होना चाहिए। ये आपको एक बेहतर आइडिया देगा कि आपको किस तरह का प्रोडक्ट या सर्विस ऑफर करना चाहिए।

प्रोडक्ट का चयन करें

उन प्रोडक्ट की तलाश करें जो आप ई-कॉमर्स वेबसाइट पर बेचना चाहते हैं। इसके लिए कही तरह के विकल्प उपलब्ध हो सकते हैं जैसे अपने प्रोडक्ट को बनाना, खरीदना या व्यापारिक Material का उपयोग करना।

एक वेबसाइट बनाएं

अपनी वेबसाइट बनाएं जो अपने प्रोडक्ट को ऑनलाइन बेचने में मदद करेगी। आप ई-कॉमर्स स्टोर बनाने के लिए प्लेटफॉर्म्स जैसे Shopify, WooCommerce, Magento, Amazon, FlipKart इत्यादि का उपयोग कर सकते हैं।

वेबसाइट पर प्रोडक्ट जोड़ें

वेबसाइट पर अपने प्रोडक्ट को जोड़ें और अपनी प्रोडक्ट के बारे में पूरी जानकारी दें।

पेमेंट भुगतान के लिए एक सुविधा सेट अप करें

एक सुविधा सेट अप करें जिसमें प्रोडक्ट को खरीदने वालों के लिए  भुगतान विकल्प और शिपिंग की सुविधाएं शामिल हों।

डिसाइड करें कि आप किस प्लेटफॉर्म पर अपना ई-कॉमर्स बिजनेस चलाना चाहते हैं

आप अपना ई-कॉमर्स बिजनेस किसी भी प्लेटफॉर्म पर शुरू कर सकते हैं, जैसे शॉपिफाई, वूकॉमर्स, मैगेंटो, अमेजन आदि। आपको अपनी जरूरत और बजट के हिसाब से प्लेटफॉर्म चुनकर करना चाहिए।

वेबसाइट और डोमेन नाम की तैयारी

 आपको अपनी ई-कॉमर्स वेबसाइट के लिए एक डोमेन नाम रजिस्टर करना होगा। आप अपने डोमेन नाम रजिस्ट्रार से डोमेन नाम रजिस्टर कर सकते हैं। इसके बाद आपको वेबसाइट डेवलप करने की जरूरत होगी। अगर आप कोडिंग नहीं जानते हैं, तो आप वेबसाइट बिल्डर जैसे Wix, Squarespace, आदि का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ आप WordPress पर कर सकते है। 

प्रोडक्ट्स की तैयारी

 अपने प्रोडक्ट्स की क्वालिटी और प्राइसिंग पर ध्यान दें। इसके लिए आपको सप्लायर्स को ढूंढना होगा, जिनसे आप प्रोडक्ट्स खरीद सकते हैं। आप सप्लायर्स को ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर भी खोज सकते हैं।

भुगतान और शिपिंग विकल्पों की तैयारी

 आपको भुगतान और शिपिंग विकल्पों के बारे में भी सोचना होगा। आपको अपने कस्टमर के लिए सुरक्षित पेमेंट गेटवे देने की जरूरत है। आपको अपने प्रोडक्ट को शिप करने के लिए भी एक विश्वसनीय और किफायती शिपिंग पार्टनर ढूंढना होगा।

मार्केटिंग और प्रमोशन

 अपने ई-कॉमर्स बिजनेस को प्रमोट करना बहुत जरूरी है। आप सोशल मीडिया, कंटेंट मार्केटिंग, ईमेल मार्केटिंग, इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग आदि का उपयोग कर सकते हैं। अपने ग्राहकों को डिस्काउंट और ऑफर प्रदान करना भी एक अच्छा तरीका है अपने बिजनेस को प्रमोट करने के लिए।

सभी स्टेप्स को फॉलो करने के बाद, आप अपना ई-कॉमर्स बिजनेस स्टार्ट कर सकते हैं।

ई-कॉमर्स के फायदे

वैसे अगर हम बात करे तोह ई-कॉमर्स के कही फायदे है, जिनमे हम कुछ के बारे में बात करने वाले है

  1. ग्लोबल ऑडियंस: ई-कॉमर्स के द्वारा आप दुनिया भर में किसी भी जगह से अपने प्रोडक्ट्स को सेल कर सकते हैं। ये आपके आपके को वैश्विक लोगो तक पहुंचाने का एक अच्छा तारिका है।
  2. घटी हुई ओवरहेड लागत: ई-कॉमर्स के द्वारा आप फिजिकल स्टोर की लागत से बच सकते हैं। आपको फिजिकल स्टोर के रेंट, मेंटेनेंस, इलेक्ट्रिसिटी बिल और दूसरे खर्च नहीं देना है। आप अपने उत्पादों को एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के द्वारा बेच सकते हैं।
  3. 24/7 उपलब्धता: ई-कॉमर्स की सबसे बड़ी फ़ायदा ये है कि आपकी दुकान या वेबसाइट 24/7 उपलब्ध होती है। आपके कस्टमर किसी भी समय आपके प्रोडक्ट्स को खरीद सकते हैं।
  4. बेहतर ग्राहक व्यवहार: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म आपको कस्टमर व्यवहार और सही जानकारी देता है। आप ग्राहक प्रतिक्रिया, खरीद इतिहास, और अन्य डेटा को विश्लेषण कर सकते हैं, और अपने Product को कस्टमर की मांग के अनुसार Customize कर सकते हैं।
  5. बढ़ी हुई बिक्री: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म आपको बिक्री में बढ़ाने का एक अच्छा तरिका देता है। आप अपने प्रोडक्ट्स को डिस्काउंट, ऑफर्स और अन्य स्कीम्स के द्वारा प्रमोट कर सकते हैं। ये आपके सेल्स को बूस्ट करता है।
  6. कम मार्केटिंग लागत: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर मार्केटिंग कॉस्ट फिजिकल स्टोर के मुक़ाबले कम होते हैं। आप सोशल मीडिया मार्केटिंग, ईमेल मार्केटिंग और अन्य डिजिटल मार्केटिंग तकनीकों को इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे आप अपने प्रोडक्ट्स को कम कॉस्ट पर प्रमोट कर सकते हैं।

ई-कॉमर्स के नुकसान

हलाकि अगर हम E Commerce के बारे में बात करे तोह इसके कही बेनिफिट्स होने के साथ-साथ इसमें नुकसान भी है, जैसे

  • साइबर क्राइम: ई-कॉमर्स की वेबसाइट्स और ट्रांजेक्शन साइबर क्राइम के शिकार हो सकते हैं जैसे की फिशिंग, हैकिंग और आइडेंटिटी थेफ्ट।
  • Delivery issues: कुछ ग्राहकों को डिलीवरी में देर से या क्षतिग्रस्त प्रोडक्ट मिलता है और कुछ मामलों में प्रोडक्ट ही नहीं पहुच पाता है।
  • Trust issues: कुछ ग्राहकों को ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर भरोसा नहीं होता है, क्योंकि वो ऑनलाइन पेमेंट करने पर शक करते हैं और कभी कभी कोई कंपनी या सेलर फ्रॉड हो सकता है।
  • Competition: ऑनलाइन बाजार में बहुत Competition है और अगर आपके प्रोडक्ट्स वेल्यु वले नहीं हैं तो कस्टमर आकर्षित नहीं होंगे।
  • तकनीकी गड़बड़ियां: कभी-कभी, ई-कॉमर्स वेबसाइटों को सर्वर क्रैश, धीमी लोडिंग आदि जैसी तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिससे खराब उपयोगकर्ता अनुभव और संभावित कस्टमर की कमी हो सकती है।
  • रिटर्न और रिफंड नीति: कुछ ई-कॉमर्स वेबसाइटों की रिटर्न और रिफंड नीतियां मुश्किल हो सकती हैं, जो कस्टमर के लिए निराशा वाली हो सकती हैं।
  • शिपिंग लागत: ई-कॉमर्स व्यवसायों के लिए शिपिंग लागत एक महत्वपूर्ण  हो सकती है, विशेष रूप से बड़ी या भारी वस्तुओं को बेचने वालों के लिए। यह कुछ कस्टमर को खरीदारी करने से हताश कर सकती है।

भारत में ई-कॉमर्स का विकास

भारत में वैसे अगर हम बात करे तोह ई-कॉमर्स का काफी तेज़ी से विकास हो रहा है, और यह लगातार बढ़ भी रहा है, जिससे आप इससे सिर्फ अंदाजा लगा सकते है कियुकी भारत की पापुलेशन काफी ज्यादा है, जिससे ई- कॉमर्स बिज़नेस में कभी भी कोई कमी आने वाली नहीं है।

आप भी ई-कॉमर्स साइट से सामान मंगवाया होगा और आपने ऐसी कंपनी भी देखी है, जो की ई-कॉमर्स में लगातार काम कर रही है, अमेरिका की कम्पनी की बात करे तो अमेज़न और भारत में फ्लिपकार्ट लगातार काम कर रहे है।
जिससे आप यह अंदाजा लगा सकते है,और ऐसी ही अनेक साइट है, जो हर देश में कोई ने कोई ई-कॉमर्स का काम कर रही है, जैसे चाइना की अलीबाबा ई-कॉमर्स कंपनी है, जो ई-कॉमर्स का काम कर रही है।

  • इंटरनेट: भारत में इंटरनेट उपलब्धता तेजी से बढ़ रही है और इससे लोगों को ऑनलाइन शॉपिंग करने की सुविधा मिल रही है।
  • मोबाइल: भारत में स्मार्टफोन की उपलब्धता भी बढ़ती जा रही है, जिससे लोगों को ऑनलाइन शॉपिंग करने की सुविधा भी मिलती है।
  • कैशलेस इकॉनमी: डिजिटल पेमेंट का चलन भी तेज से बढ़ रहा है और इससे लोगों को ऑनलाइन शॉपिंग करने में आसनी हो रही है।
  • ग्रामीण बाजार: भारत में गांवों में भी ई-कॉमर्स का विकास होने लगा है। बहुत सारे ई-कॉमर्स कंपनियां गांवों में अपने प्रोडक्ट को बढ़ावा दे रही हैं और इससे गांवों में ऑनलाइन शॉपिंग का चलन भी बढ़ रहा है।
  • सरकारी पहल: डिजिटल इंडिया के अभियान के साथ-साथ, सरकार ने कुछ पहल भी हैं, जैसे कि स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, और डिजिटल इंडिया, जिस ई-कॉमर्स का विकास भी बढ़ रहा है।

सभी करने के साथ-साथ में, भारत में ई-कॉमर्स का विकास तेज से बढ़ रहा है और इसका आने वाला समय भी बहुत बढ़ने वाला है।

निष्कर्ष

ई-कॉमर्स एक ऐसा बिजनेस मॉडल है, जिस्मे डिजिटल प्लेटफॉर्म और इंटरनेट का इस्तमाल किया जाता है, जिससे लोगों को ऑनलाइन शॉपिंग करने की सुविधा मिलती है। इस बिजनेस मॉडल से कही निष्कर्ष निकले जा सकते हैं, जैसे कि: हम इससे अपना टाइम भी बचा लेते है और हम अपने घर बैठे ही कोई भी सामान मंगवा सकते है, ई कॉमर्स दुनिया में कोई भी व्यक्ति इससे खरीदारी कर सकता है, ई कॉमर्स में आपको शोपिंग करने के लिए हमें कही जाने कि जरूरत नहीं पड़ती है।

ई कॉमर्स के चलने के साथ साथ इसमें जॉब अप्प्रोचुनिटी भी साथ में लेकर आती है जैसे कि डिलीवर बॉय कि ऐसी कही कंपनी है जो कि ई कॉमर्स के चलने के साथ साथ इसमें कही तरह के फायदे भी है।

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